देशभर के कई हिस्सों में मशरूम की खेती काफी लोकप्रिय होती जा रही है। कम जगह में अधिक से अधिक फायदा देने वाली मशरूम की खेती किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। जहां एक ओर देशभर के कई किसानों ने परंपरागत खेती से आगे बढ़कर मशरूम की खेती करना शुरू किया है, तो वहीं सरकार और कई अन्य संस्थानें भी हैं जिन्होंने मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए इसके प्रशिक्षण की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश जैसे कई इलाके हैं, जहां किसान अच्छे प्रशिक्षण के साथ मशरूम की सफल खेती कर रहे हैं। अब तो हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर जैसे पहाड़ी इलाकों में भी मशरूम की खेती की जाने लगी है।
अगर आप भी मशरूम का सफल व्यापार करना चाहते हैं, तो सरकार और संस्थानों द्वारा मिल रहे प्रोत्साहन और कौशल विकास के फलस्वरुप अपने इस सपने को पूरा कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि आखिरकार कहां से मशरूम की खेती का प्रशिक्षण लिया जा सकता है।
ICAR- खुम्ब अनुसंधान निदेशालय, सोलन (हिमाचल प्रदेश) Directorate of Mashroom Research
खुम्ब अनुसंधान निदेशालय (DMR) को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अंतर्गत रखा गया है। इसका मुख्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश में है। इसकी स्थापना का मुख्य उदेश्य मशरूम के हर पहलू पर अनुसंधान करना और प्रशिक्षणार्थियों तथा उत्पादकों को प्रशिक्षण प्रदान करना है।
डीएमआर के तहत देशभर में अखिल भारतीय समन्वित मशरूम परियोजना चलाई जा रही है। जिसके अंतर्गत देशभर के कई संस्थान जुड़े हैं। यहां से आपको मशरूम की खेती से संबंधित सारी जानकारियां और प्रशिक्षण मिल सकता है।
भारत के मुख्य प्रशिक्षण संस्थान bharat ke Mukhay Parshikshan Sansthan
- महाराणा प्रताप कृषि व तकनीकी विश्वविद्यालय, उदयपुर, राजस्थान
- पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, पंजाब
- नारायण देव कृषि व तकनीकी विश्वविद्यालय, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश
- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़
- बागवानी व कृषि वानिकी अनुसंधान कार्यक्रम, रांची, झारखंड
- मध्य प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय राहुरी, पुणे, महाराष्ट्र
- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, हरियाणा
- राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, बिहार
- उड़ीसा कृषि विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर, उड़ीसा
- गोविंद बल्ब पंत कृषि व तकनीकी विश्वविद्यालय, पंतनगर, उत्तराखंड
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, वारापानी, मेघालय
- तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयम्बटुर, तमिलनाडु
- केरल कृषि विश्वविद्यालय, त्रिचूर, केरल
- केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पासीघाट. अरुणाचल प्रदेश
- हरियाणा एग्रो-इंडस्ट्रीयल कॉरपोरेशन आर एंड डी सेंटर, मुरथल, सोनीपत, हरियाणा
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत आने वाले ये प्रशिक्षण केंद्र समय- समय पर विभिन्न स्थानों पर मशरूम से जुड़ी जानकारियां एवं ट्रेनिंग मुहैया कराते रहते हैं। आप अपने सुविधा अनुसार इन प्रशिक्षण केंद्रों से मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण ले सकते हैं। अब सवाल ये आता है कि आखिरकार इन केंद्रों में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए यहां आवेदन कैसा किया जाए। तो यहां हम आपको इसकी भी जानकारी देंगे।
मशरूम के प्रशिक्षण के लिए आवेदन कैसे करें Mashroom ke Parshikshan ke liye Aavedan kaise karen
वेबसाइट- http://www.nrcmushroom.org/
डीएमआर के इस वेबसाइट पर जाकर आप इसके अंतर्गत होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी विस्तारपूर्वक ले सकते हैं। यहां आप प्रशिक्षण पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। डीएमआर की तरह ही उसके अंतर्गत आने वाले सभी राज्यों के संस्थानों की भी अपनी वेबसाइट हैं, जहां से आप मशरूम की खेती के प्रशिक्षण से संबंधित सभी जानकारियां ले सकते हैं और आवेदन भी कर सकते हैं। केवल ऑनलाइन ही नहीं बल्कि इन सभी संस्थानों में प्रशिक्षण पाने के लिए आप ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। इसके लिए आपको प्रशिक्षण केंद्रों पर जाकर फॉर्म जमा करना होगा।
इन सरकारी संस्थानों के अलावे बहुत सी निजी संस्थान भी हैं, जो कुछ राशि लेकर किसानों को मशरूम की खेती से जुड़ा प्रशिक्षण मुहैया कराती हैं।
निष्कर्ष Conclusion
आज मशरूम उत्पादन एक बड़ा व्यापार बनता जा रहा है। सरकार मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए ना सिर्फ प्रशिक्षण केंद्रों में किसानों को ट्रेनिंग दे रही है, बल्कि छोटे किसानों को व्यापार के लिए सब्सिडी देकर भी उनकी मदद कर रही है। आज कई ऐसे सफल किसान हैं, जो सरकार की इन सुविधाओं का लाभ उठाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं। अगर आप भी मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण पाना चाहते हैं तो उम्मीद है कि हमारे इस लेख से आपको मदद जरूर मिलेगी। कृषि से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।